RSS

Happiness Poems

कर लो हिन्दी से प्यार

हिन्दुस्तानी हैं हम हिन्दू, हिन्दी हमारी भाषा है।
इसमें वीणा के सुर हैं तो, ये सरिता की धारा है॥
इसमें सागर गहरा पिताः सा, तो ममता भी माँ सी है।
जिस भी रहे हम हाल में बंधु, इससे हमारा नाता है॥


हिन्दी पर है गर्व हमारा, इससे पुराना नाता है।
ये भावों की निर्झरणी है, ये देवो की वाणी है॥
इसमें पुत्र पिता कहते है और, पत्नी कहती प्राणाधार।
मैं भारत का पुत्र कहाता, ये भाषा इस मां की है॥


ये भाषा तुझको देती है, पूर्वजों का भी ज्ञान-प्रसाद।
और भविष्य भी है, जो तुम्हारा कर देती है शुभ संवाद॥
देखो प्यारे इसको बनाओ अपने गले का नवलख हार।
एक बात पते की बताऊँ, कर लो हिन्दी से भी प्यार॥