क्या सीरत क्या सूरत थी
माँ ममता की मूरत थी
पॉव छुए और काम हुए
अम्माँ एक महूतर थी
बस्ती भर के दुख सुख में
माँ एक अहम जरूरत थी
उनसे भी प्यार उसे
उससे भी था प्यार उसे
उससे जिन्हे कदूरत थी
सच कहता है माँ हमको
तेरी बहुत जरूरत थी।
Happy Mothers Day
माँ ममता की मूरत थी
पॉव छुए और काम हुए
अम्माँ एक महूतर थी
बस्ती भर के दुख सुख में
माँ एक अहम जरूरत थी
उनसे भी प्यार उसे
उससे भी था प्यार उसे
उससे जिन्हे कदूरत थी
सच कहता है माँ हमको
तेरी बहुत जरूरत थी।
Happy Mothers Day