एक लड़की है..जो सुबह सी दिखती है
पलकों से जिसकी.. हर शाम फिसलती है
एक लड़की है..पल पल पल सी चलती है
पत्तों पे ..जैसे शबनम सरकती है
दूर खड़ी कोई शाम अकेली
ढूँढती हो जैसे कोई सहेली
एक लड़की है..जो छुपती निकलती रहती है
साँसों से धीमी आहट है उसकी
बूँदें पकड़ना चाहत है जिसकी
एक लड़की है..बारिश सी छम छम बरसती है
एक लड़की है..जो सुबह सी दिखती है
एक लड़की है..पल पल पल सी चलती है
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