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Holi Shayari Poem

रंग की फुहार है , गीत की बहार है
बॉंटता जो प्यार है , होली का त्यौहार है
धूम ही मचायेंगे , होली यूं मनायेंगे
यारों की टोली में , गॉंव की होलीमें
हाथों में रंग लिये , पिचकारी संग लिये
झूमझूम गायेंगे . होली यूं मनायेंगे
गॉंव की जो गोरियॉं , भाभी और छोरियां
देख रंग हाथों में , घुस गई अहातों में
दरवज्जा तुडवायेंगे , होली यूं मनायेंगे
रंग लगा गालों में , भर अबीर बालों में
बीती बात भूल गये, हम गले से झूल रहे
भेद सब मिटायेंगे ,होली यूं मनायेंगे
पंहुचे नदी के घाट पर , भंगिया को बॉंट कर
छान कर डटाई है , मस्ती खूब छाई है
गीत गुनगुनायेंगे ,होली यूं मनायेंगे
कधे पर शर्ट टॉंग , धर के विचित्र स्वांग
होंठों पर गीत फाग . ढपली पर बजे राग
तुमको नचवायेंगे , होली यूं मनायेंगे
बाटी और दाल है , चूरमा कमाल है
पत्तों की थाली है , गंध भी मतवाली है
डट के खूब खायेंगे , होली यूं मनायेंगे
रंग की फुहार है , गीत की बहार है
बॉंटता जो प्यार है , होली का त्यौहार है
धूम ही मचायेंगे , होली यूं मनायेंगे