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Humanity Poem

एक बड़ी सी बात
अख़बार में छोटी सी जगह पा गई थी,
रोटी माँगने गई एक बच्ची
रोटी के बदले इज्जत गँवा गई थी,
अगर याद हो तो सच बताना,
उस रात तुम सबको नींद कैसे आ गई थी?