अपना देश बनेगा दुनिया का सरताज
देश की जिसने सबसे पहले जीवन ज्योति जलाई
और घ्यान की किरने सारी दूनाया मे फैलाई
लोभ मोह के भ्रम से सारे ज ग को मुक्त कराया
मित्र भावना का प्रकाश सारे ज ग मे फैलाया
अनगनित बार बचाई जिसने मानवता की लाज
अपना देश बनेगा सारी दुनिया का सरताज
इतना प्रेम की पशु पक्षी तक प्रानो से प्यारे
इतनी दया की जीव मात्र सब परिजन सखा हमारे
श्रद्धा अपरम्पार की पत्थर मे भी प्रीति जगाओ
और परक्रम एसा की री पु भी करे बड़ाई
उसी प्रेरणा से रच हम फिर से नया समाज
अपना देश बनेगा सारी दुनिया का सरताज
मानवता के लिए जिसेने हड्डिया तक दे डाली
मताओ की अनेको बार हुई गो दिया ख़ाली
प र पाप के आगे उनने कभी ना सिर झुकाया
संस्कृति का मान सम्मान बाड़ने हॅश हॅश कर
शीश कटाया....... अपना देश बनेगा सारी...
रहे शिवाजी अर्जुन जैसा नी ज चरित्र प र नाज़
अपना देश बनेगा सारी दुनिया का सरताज
दिया न्याय का साथ भले ही हारे अथवा जीते
इसी भूमि प र वेद पुरानो ने भी शोभा पाई
जन्म अनेको बार यहा लेते आए रघुराई
स्वागत करने को न व युग का नया सजाए साज़
अपना देश बनेगा दुनिया का सरताज
सोए स्वाभिमान को आओ सब मिलकर जगाय
न व जागराती के आदर्शो को दुनिया मे फैलाए
अपना देश बनेगा दुनिया का सरताज !