मुंबई आतंकी हमले में अभी तक 101 मासूम निर्दोषों को और 5 सैनिकों को हम खो चुके हैं...और अभी जारी हैं...
अब तो करलो बुद्धि मित्र ठिकाने पर
मुंबई भी रक्खी हैं आज निशाने पर
सौ-सौ लोगों को खोकर भी खामोशी
कब टूटेगी सिंघासन की बेहोशी
अंधे लालच का सिन्धु भरके चित में
ध्रतराष्ट्र हैं मौन स्वयं-सूत के हित में
वरना वो खुनी पंजे तुड़वा देते
अब तक अफजल पे कुत्ते छुड़वा देते
जो ये कहते हैं भारत के रक्षक हैं
वो ही अफजल जैसों के संरक्षक हैं
बेशक सरे भारत का सर झुक जाये
उनकी कोशिश हैं ये फंसी रुक जाये
निर्णय लेना होगा अब सरकारों को
पहले फांसी होगी इन गद्दारों को
एक बार फिर दहते स्वर में इन्कलाब गाना होगा
फांसी का तख्ता जेलों से संसद तक लाना होगा.