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Romantic Shayari Poem

शब जला है,
सब जला है,
बाअदब रब जला है,
चाँद के सिरहाने-
आसमां का लब जला है।

तेरी आँखों की अंगीठी
में गले जब नींद मीठी,
भाप बनकर ख्वाब,छनकर,
तारों की हवेलियों में,
अर्श पर तब-तब जला है।

कल शबनमी शीतलपाटी,
रात भर घासों ने काटी,
गुनगुनी बोली से तेरी,
हवाओं के तलवे तले,
सुबह ओस बेढब जला है।

जब इश्क के साहिलों पर,
आई तू परछाई बनकर,
दरिया के दरीचे से फिर,
झांकती हर रूह का
हर तलब बेसबब जला है।

तेरे दर तक की सड़क में,
नैन गाड़, बेधड़क ये,
वस्ल के पैरोकार-सा,
रोड़ों पर कोलतार-सा,
होश का नायब जला है।

शब जला है,
सब जला है,
तेरे दीद के लिए हीं,
चाँद के सिरहाने-
आसमां का लब जला है।