नारी कितनी महान हो तुम
मुखडे की मुसकान हो तुम
बादल की परतों में चंदा
नारी जगत की शान हो तुम
उजडे बाग-बगीचों में तुम
धडकन की महारानी हो तुम
अपार सागर महा समुन्दर
शक्ति की पटरानी हो तुम
हुमायूँ को राखी-डोरा भेजा
भाई-बहन की शान हो तुम
नाविक हो नारी भी हो तुम
सागर का बेडा पार करो तुम
रूण्ड-मुण्ड की माला पहिने
चन्डी हो रणचण्डी हो तुम
स्रष्टा हो रुष्टा भी हो तुम
अन्नपूर्णा महारानी हो तुम
ताण्डव नृत्य कियो शिवजी ने
सृष्टि की महारानी हो तुम
शरद ऋतु में रास रचायो
शामा हो पटरानी हो तुम
शमा बनी शबनम की मीरा
कुदरत की महारानी हो तुम
नारी कितनी महान हो तुम