जाऊँ तो जाऊँ कहाँ....
जाऊँ तो जाऊँ कहाँ
दिल के अरमान लिये
जली ये आग सनम और सितम की शान लिये
जाऊँ तो जाऊँ कहाँ.....।
बना महमान भला, भली तकदीर मेरी
पडा हूँ देख रहा आग पे तसवीर तेरी
जुदाई हो गई सपनों में अहसान लिये
जाऊँ तो जाऊँ कहाँ......।
बँधा हूँ इस कदर कि हाथ में कडयां भी नहीं
मिली जो खाक में माटी की लडयां भी नहीं
नजर में था भी नहीं मौत का पैगाम लिये
जली ये आग सनम की सितम की शान लिये
जाऊँ तो जाऊँ कहाँ........।E