तुम्हारे पाँवों के नीचे कोई जमीन नहीं
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं |
मैं बेपनाह अँधेरों को सुबह कैसे कहूँ
मैं इन नज़ारों का अंधा तमाशबीन नहीं |
तेरी ज़ुबान है झूठी जम्हूरियत की तरह
तू इक जलील-सी गाली से बेहतरीन नहीं |
तुम्हीं से प्यार जताएँ तुम्ही को खा जाएँ
अदीब यों तो सियासी है पर कमीन नही |
तुझे कसम है खुदी को बहुत हलाक़ न कर
तू इस मशीन क पुर्ज़ा है,तू मशीन नहीं |
बहुत मशहूर है आएँ जरूर आप यहाँ
ये मुल्क देखने लायक तो है, हसीन नहीं |
जरा सा तौर-तरीकों में हेर-फेर करो
तुम्हारे हाथ में कालर हो आस्तीन नहीं |