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Janmasthmi Poem

brनन्द के आनंद भयो:

आज बर्फी सी ब्रजनारी बनी, गुझिया से गीत और रसगुल्ले से ग्वाला
पेडा से प्यारे बने बलदेव जी, रसखीर सी रोहिणी रूप रसाला
कि नन्द महीप बने नमकीन, गोकुल गोप सब गरम मसाला
जायो जसोदा जलेबी सी रानी ने, आज रबड़ी सी रात में लडुआ सों लाला
पूत सपूत जन्यो जसुदा, इतनो सुन के वसुधा सब दौडी
देवन के आनंद भयो, पुनि धावत गावत मंगल गौरी
नन्द कछु इतनो जो दियो, कि इन्द्र कुबेरहू कि मति बौरी
देखत मोहि लुटाये दियो, नवजी बछिया छछियान पिछौरी
बजत बधाई धुनी छाई तिहूँ लोकन में, आनंद मगन भये नचत सुर ताल भी
सुत को जन्म सुन मुनि देवन आनंद भयो, दुन्दुभी बाजी पुष्प वर्षा रसाल सी
फूले सब गोपी गोप आनंद उमंगन में गोकुल नवेली सुध भूली आज काल की
ब्रज में ब्रजचन्द्र भयो, यसुदा फरचंद भयो, और नन्द के आनंद भयो जय कन्हैयालाल की
नन्द घर आनंद भयो जय कन्हैयालाल की, जय गिरिधर गोपाल की
हाथी दीने घोड़ा दीने और दीनी पालकी, जै कन्हैयालाल की जै जै कन्हैयालाल की,

आप सभी को श्री ठाकुर जी के प्राकट्य उत्सव श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर एवं लाला के जन्मदिन के मंगलमय असवर पर हार्दिक शुभकामनाएं एवं बहुत बहुत बहुत मंगल बधाई हो ! जै श्री कृष्ण !