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Janmasthmi Poem

बजत बधाई धुन छाई तीन लोकन में, आनंद मेहर के नचत सुर ताल की
सुत को जनम सुन मुनि देवन आनंद भयो, दुंदुबी बाजे पुष्प बरसा रसाल की !
फूले सब गोपी गोप आज आनंदन उमंगन में, गोपन नवेली सुद भूले आज कल की
ब्रज में ब्रजचंद्र भयो यसुदा फर्चंद भयो , नंद घर आनंद भयो जय कन्हिया लाल की ....

गोपाल जू के जनम का सुन आज ब्रज के सभी ब्रज वासी मिठाई बन गये ! क्या क्या बने ?

आज बर्फी सी ब्रज नारी बनी है, गुजिया से गोप और गूंजा से ग्वाला
पेढा से प्यारे बने बलदेव जी, रस खीर सी रोहानी रूप रसाला !
नंद महीप बने नमकीन , गोकुल गोप सब गर्म मसाला
जायो यसुदा जलेबी सी रानी ने, रबरी सी रात में लडू सो लाला !

गोपाल जू के जन्म दिन की लाख लाख बधाई हो ! ठाकुर शरी जी आपको अपने मारग की तरफ अग्रसर करे यही कामना गोपाल जी से करते है

...once agin haapy krishna janamastmi ........jai shri krishna.