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Nanand Ke Liye Poem

सासरे में बहना की याद सताये
बहन सम ननदिया मन बहलाये
मेरी ननदिया मेरी हमजोली
बातो की नटखट पर सूरत है भोली
ननद के संग मिलकर मै खेलूंगी होली
माथे पर लगाऊंगी गुलाल की रोली
हमारा स्नेह बंधन कभी पडे ना ढीला
चाहे दुल्हे राजा ले आये डोली.