है हिन्दू तू है एक अवतारी !
तेरी कदर इश दुनिया में किशी ने न जानी!!
उठ खडा हो बना अपनी पह्सान !
तेरे आगे जुकेंगे जमीन व आश्मन !!
तू ही है इश दुनिया का तारनहार !
किये है तुने इश दुनिया पर कितने उपकार!!
तेरे अंदर बशा है वह राम !
जीशे लोग करते है रोज प्रणाम !!
तुने दिया है हमेशा सच का साथ !
उठ खडा हो आज बढा अपना हाथ !!
तेरी माँ आज तुजे पुकार रही है !
तुजे अपने बारे में कुश बता रही है !!
हो रहे है आज उनके ऊपर कितने अत्याचार !
देख आज कितना फेल रहा है भ्रष्टाचार !!
बे दर्द जमाना कर रहा है उनका अपमान !
भूल गया वो उन लोगो का बलिदान !!
है हिन्दू तुमको उन बलिदानों का वास्ता !
करना होगा तुजे इन अत्यासार का सामना !!
सीमा पर खड़ी हमारे भाइयो की टोलिया !
जेल रही है अपने सिने पर दुश्मन की गोलिया !!
जिसने तेरी माँ के सपूत सिने है !
आज तुमको उन दुस्मनो को गिनने है !!