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Romantic Poem

मुझे मिलना उस मोड़ पर ,
जहा केवल हम दोनों हो
वो मोड़ एसा हो-----
जहा से ना पीछे हट सकू '
और से ना आगे जा सकु
बिन संग तुम्हारे
मुझे मिलाना उस मोड़ पर
जहा बसंती हवा के झोके मुझे
मीठी सी कशिश में बांधले ले '
और तुम्हे भी रंग ले अपने रंग में .
मुझे मिलना उस मोड़ पर
जब मै बिखर जाऊ ,
अमलताश की भाति.....
और तुम समेट लो ....
अपनी बाहों में मुझे ...
मुझे मिलना उस मोड़ पर
जब तुम सुनना चाहो
कुछ दिल से ---
और मै कुछ कहना चाहू
दिल से .....