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Shree Krishna Bhajan

हमे साँवरे से मुहब्बत बहुत हैं
हमे तेरे चरणों से उल्फत बहुत हैं
कभी हमको मोहन देखा किया कर
रस प्रेम का बनके प्रेमी पिया कर
मेरी दिल में तेरी तड़पन बहुत हैं
देना दिलासा हमे श्यामसुंदर
आकर के रहना मन तेरा मन्दिर
क्या कारण हैं तुमको गफलत बहुत हैं
कमल नैनों वाले इधर भी चला आ
या यह ही बता दे हम से अब गिला क्या
क्या अपनी ही प्यारो से नफरत बहुत हैं
'हरिदासी' मोहन का पल्ला न छोडे
हम तो यह पीला पीताम्बर न छोडे
तुम जो करो हमको उल्फत बहुत हैं